कहीं तुम हमको याद तो नहीं करती

तुम्हारी यादों का सिलसिला थमता ही नहीं
पता नहीं क्यों तुम्हारे बारे में सोचे बगैर रहा ही नहीं पता

मै अपने दोस्तो के पास जैसे जाता हूं
तुम्हारा जिक्र करते है
अब क्या बताएं यारो हम तो उनके थे 
लेकिन वो मेरी ना हो सकी


कुछ यादों का जिक्र कर दिया करते है
जान बूझ कर, मना करने के बाद भी

जिक्र तो उनका हर सांस में होता है
लेकिन उनको हर सांस में किसी दूसरे की फ़िक्र होगी

खैर छोड़ो 
चाय का जिक्र मेरे सामने ना किया करो
ऐसा मै दोस्तो से कहता हूं

लेकिन वो मानने वाले कहा है
कुछ ना कुछ बातें छेड़ ही देते है

ये बात वो भी जानती थीं कि
मै दोस्तो से कम याद उसे करता हूं

लेकिन कुछ भी हो जब तक थी तब तक मेरे
दोस्त मेरी टाग खींचते थे
और जाने के बाद अब तो पूछो ही मत 
मै कपड़ा तो पहना रहता हूं
लेकिन उनकी बातों में नंगा ही रहता हूं 

आगे जल्दी है लिखता हूं....।

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