Jitni Dafa Dekha Tujhe

अब डरना भी बया ना कर ये बेरहम कलम 
लफ्जो के दर्द अब हमसे सहे नहीं जाते 


तुमसे मिलने के बाद अब एक ही डर सताता है मुझे 
कही तुम मजबूरियों का नाम देकर दूर ना हो जाओ 

इन्शान दीवारे बनता है औरउसके बाद यह सोचकर परेशान 
रहता है की दिवार के पीछे क्या हो रहा है   

लोगो को इस बात से कोई मतलब नहीं होता की आप खुश है या नहीं 
उन्हें फर्क सिर्फ इस बात से पड़ता है की उन्हें खुश रखते हो या नहीं 

कभी ख्यालो की दुनिया से फुर्सत मिले तो उससे बात भी कर 
लेना जिससे रोज ख्यालो में ही बतियाते हो 

जब दीवारों में दरार पड़ती है तो दिवार गिर जाती है 
जब दिलो दरार पड़ती है  दीवारे बन जाती है 

कितना मुश्किल है तुमसे नाराज रहना हर बार 
तुम्हे नजर अंदाज कर मै खुद का दिल दुखती हूँ 

जिससे जुड़ा हो सासो का रिस्ता वो जब हाथ छोड़ 
जाए तब जिंदगी बेजान हो जाती है 

बिना मेरे रह ही जायेगी कोई ना कोई कमी 
तुम जिंदगी को जितना मर्जी सवार लेना 

करते थे लफ्जो में दासता बया सबकी दर्द मिला इतना 
अब खुद बया करने लगे दासता अपनी 

जो निभा दे साथ जितना उस साथ का भी शुक्रिया 
छोड़ दे जो बीच में उस हाथ का भी शुक्रिया 

Popular Posts