अच्छा इन्शान वो है जो किसी का दिया हुआ दुःख तो भुलादे
मगर किसी की दी हुई मोहब्बत न भुलाये
तमाशा देख रहे थे जो डूबने का मेरे
अब मेरी तलाशा में निकले है कश्तिया लेकर
सुना है के तुम रातो को देर तक जागते हो
यादो के मारे हो या मोहब्बत में हारे हो
हमें रोता देखकर वो ये कह के चले दिए की
रोता तो हर कोई है क्या हम सबके हो जाये
वजह तक पूछने का मौका ही ना मिला
बस लम्हे गुजरते गए और हम अजनबी होते गए
अपनी तकलीफो को कभी बया मत कीजियेगा
यहाँ तकलीफ समझने वाले काम तमाशा बनाने वाले ज्यादा है
किस्मत में रात की नीद नहीं तो क्या हुआ
जब मौत आएगी तो जी भर के सो लेंगे
वक्त बदल गया तुम बदल गए
मुस्कुराने की वजह बदल गयी
पर रोने की वजह आज भी तुम ही हो
हम नहीं जानते की रिश्तो में बेवफाई क्यों मिलती है
बस इतना जानते है की जब दिल भर जाता है तो छोड़ जाते है लोग
परेशान होता हूँ जब भी सीने से लगा लेती है
मरहम सी लगती है माँ हर दर्द मिटा देती है
मुझे फुर्सत ही कहा मौसम सुहाना देखू
मई तेरी याद से निकलू तो जमाना देखू
सुना भी कुछ नहीं कहा भी कुछ नहीं
पर ऐसे बिखरे है जिंदगी की कशमकश में
की टुटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं
परवाह करने की आदत ने तो परेशान कर दिया
अगर बेपरवाह होते तो सुकून बहुत होता जिंदगी में
तू नदी मै जल सा हूँ मुझ बिन तू
सुखी तुझ बिन मै बस नाम सा हूँ
रोजाना का इंतजार वही वक्त और ऐसी तलब
चाय की प्याली से भी एक रिस्ता बन जाता है