Dekha Hazaro Dafa

मत पहनाओ इन्हे शर्तों का लिबाज 
रिश्ते तो बिंदास ही अच्छे लगते है 


मेरा इलाज किसी हकीम के पास नहीं है 
मेरी दुआ मेरी दवा मेरी शिफा हो तुम 

इंतेजार वो जहर है जिसे पिलाने वाले को कोई सजा नहीं मिलती 
मगर पिलाने वाला हर सास में जाने कितनी बार मरता है 

तुम चाहो तो गुस्सा हो सकते हो मुझसे 
मगर मुझे छोड़ कर जाने का हक नहीं है तुम्हे 

तेरी चाहत में रुसवा यू सरे बाज़ार हो गए 
हमने ही दिल खोया और हम गुनहगार हो गए 

दीवाने लोग मेरी कलम चूम रहे है 
तुम मेरी शायरी में असर छोड़  हो 

कितना मुश्किल था उस शख्स से अलविदा कहना 
जिससे मिलने की दुआए मांगी थी रात दिन 

इश्क आरजू एहसास और ख़्वाब फल तो 
जहरीले थे मगर जायका अच्छा लगा 

कभी अपने पापा की तरफ देखा के ये सोचो 
आपके ख़ुशी के लिए उन्होंने कितना त्याग किया है 

हमारा अंदाज ही कुछ ऐसा है की हम बोलते है तो बरस जाते है 
और खामोश रहते है तो लोग तरस जाते है 

कोई फर्क नहीं होता है जहर और प्यार में 
जहर पीने के बाद लोग मर जाते है 
प्यार करने के बाद लोग जी नहीं पाते 

करीब तो बहुत हो तुम 
मगर सिर्फ ख्वाबो में ख्यालो में 

जहा शमा की जगह दिल को जलाया जाट है 
बड़ी शिद्दत से वहा हमको बुलाया जाता है 

मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते 
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजारो थे 


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