गुज़र रहीं है उम्र, पर जीना अभी बाकी हैं
जीन हालातों ने पटका है जमीन पर,
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकि हैं |
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं,
मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं,
कर लेने दो लोगों को चर्चा मेरी हार की,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी,
मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर,
उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं।
नीभा रहा हूँ अपना किरदार जिदंगी के मंच पर
परदा गीरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं,
कुच नहीं गया हाथ से अभी तो,
बहुत कुछ पाना बाकी हैं।
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं।
वक्त को करने दो अपनी मनमानी,
मेरा वक्त आना अभी बाकी है,
कर रहे है सवाल मुझे जो loser समझ कर,
उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं।
गुजर रही हैं उम्र,पर जीना अभी बाकी हैं
जीन हालातों ने पटका है जमीन पर,
उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं।
चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं,
मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं,
कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के,
कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं।
नीभा रहा हूँ अपना किरदार जिदंगी के मंच पर
परदा गीरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं,
कुच नहीं गया हाथ से अभी तो,
बहुत कुछ पाना बाकी हैं।
“ हर कोई मुझे जिन्दगी जीने का तरीका बताता है..”
“उन्हें कैसे समझाऊँ की बस कुछ ख्वाब अधूरा है, वर्ना जीना मुझे भी आता है..”