सुनो तुम वो नशा हो
जो मै रोज करती हूँ
मेरी हर तड़प को सुकून मिल जाये
तेरा चेहरा जब नजर आये
कितने खुश किस्मत होते है वो लोग जिनकी
मोहब्बत का अंजाम कुबूल है कुबूल है कुबूल है पर होता है
हो सके तो सभाल कर रखना ये लम्हे जो हम साथ
बिता रहे है क्योकि हम याद तो आएंगे मगर लौट कर नहीं
सारे रंग लगाकर देख लिए
तेरे प्यार का रंग सबसे निखरा हुआ लगा
मिले तो हज़ारो लोग थे जिंदगी में लेकिन
वो सब से अलग था जो किस्मत में नहीं था
बरसो बाद भी तुझे याद करू तो आखे भर आती है
मेरी जान जाने कैसे तू अपने दिन बिताती है
नाराज क्यों होते हो चले जायेगे तेरी महफ़िल से
मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठाने दो
मोहब्बत कभी ख़तम नहीं होती सिर्फ बढ़ती है
या तो सुकून बन कर या दर्द बनकर
वक़्त ने हमको चुप रहना सीखा दिया
और हालत ने सब कुछ सहना सीखा दिया
अब किसी की आस नहीं जिंदगी में
इन तन्हाइयो ने हमें अकेले रहना सीखा दिया