Narendra Modi Life Biography in Hindi
कैसे बना एक चाय वाला प्रधानमंत्री
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज भारत के सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति है केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशो में भी उनके नाम के अनेको प्रसंशक है माननीय नरेन्द्र दामोदरदास मोदी पूरा नाम भारत के 15 वे प्रधानमंत्री है जिनका जन्म स्वतन्त्र भारत यानि 1947 के बाद हुआ।
नरेन्द्र मोदी जी का जन्म १७ सितम्बर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले में वडनगर नाम के कसबे में हुआ। पिता दामोदर दास मोदी और माँ हीराबेन के 6 बच्चो में से ये तीसरे नंबर के थे इनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब थी माँ दुसरो के घर जाकर बर्तन साफ करती थी और पिता की एक छोटी सी चाय की दूकान थी।
एक कच्चे मकान में पूरा परिवार रहता था गरीबी के कारण दो वक़्त का खाना भी सही से नसीब नहीं होता था संधर्ष भरे माहौल में मोदी जी ने बहुत छोटी उम्र में ही जीवन के कई ऊचे नीचे पड़ाव देख लिए थे बचपन से ही इनको पढाई लिखाई का बेहद शौक था।
यू तो ये पिता के साथ चाय की दुकान पर हाथ बटया करते थे लेकिन जब भी मौका मिलता था ये पुस्तकालय जाकर घंटो पढाई करते ये बचपन से ही स्वामी विवेकानंद एव उनके विचारो को अपना आदर्श मानते थे।
13 साल की आयु में नरेंद्र मोदी की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी लेकिन कुछ पारिवारिक समस्याओ के कारण 1967 में मात्र 17 साल की उम्र में ही ये छोड़ कर चले गए ये घर छोड़कर उत्तरी भारत में स्थित स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित हिन्दू आश्रम एव कोलकाता के बेलूर मठ ऐसे ही कई आश्रमों का भ्रमण करने लगे इन्ही दिनों में इन्होने जीवन को गहराई से जाना अपनी सोच को सुधारा और करीब दो साल बाद फिर से घर वापस आ गए।
इसके बाद मोदी जी RRS के सदस्य बने और पूरी मेहनत से RRS के लिए काम करने लगे इतनी व्यस्तता के बावजूद मोदी जी पढाई नहीं छोड़ा और राजनीति विज्ञानं में डिग्री प्राप्त की वो दिन रात लोगो की सेवा करते लोगो से जुड़ते और उनकी समस्या को करीब से जानने की कोशिश करते।
1975 में भारत में राजनैतिक झगड़े चल रहे थे तो उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने कई राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया और RRS संस्था को बंद करने को कहा लेकिन मोदी जी फिर भी गुप्त रूप से लगे रहे और RRS का प्रचार चलता रहा उनके इस काम से खुश होकर भाजपा में शामिल किया गया।
2001 में गुजरात में भयकर भूकंप आया जिसकी वजह से गुजरात को बहुत नुकशान झेलना पड़ा उस समय की सरकार के रहत कार्य से नाखुश होकर भाजपा वालो ने मोदी जी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया मोदी ने उस भूकंप से गुजरात को उबारने में जी तोड़ मेहनत की और वो सफल भी हुए और वो गुजरात में बेहद लोकप्रिय हो गए।
गुजरात की जनता ने भी उनको लगातार चार बार मुख्यमंत्री सुनकर भारत के सबसे बेहतर मुख्यमंत्रीओ में शामिल कर लिया।
इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में भाजपा ने मोदी को उतारा और पुरे भारत में मोदी के नाम की लहार इतनी तेजी से दौड़ रही थी की काफी लोगो ने पहले ही मोदी को प्रधानमंत्री मान लिया खासकर युवाओ ने मोदी को विशेष प्रोत्साहन दिया।
उनके ननेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटे जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 जनवरी 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई और आज वे भारत के 15 वे प्रधानमंत्री है और कुशलता पूर्वक भारत की सेवा कर रहे है।
कैसे बना एक चाय वाला प्रधानमंत्री
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज भारत के सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति है केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशो में भी उनके नाम के अनेको प्रसंशक है माननीय नरेन्द्र दामोदरदास मोदी पूरा नाम भारत के 15 वे प्रधानमंत्री है जिनका जन्म स्वतन्त्र भारत यानि 1947 के बाद हुआ।
नरेन्द्र मोदी जी का जन्म १७ सितम्बर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले में वडनगर नाम के कसबे में हुआ। पिता दामोदर दास मोदी और माँ हीराबेन के 6 बच्चो में से ये तीसरे नंबर के थे इनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब थी माँ दुसरो के घर जाकर बर्तन साफ करती थी और पिता की एक छोटी सी चाय की दूकान थी।
एक कच्चे मकान में पूरा परिवार रहता था गरीबी के कारण दो वक़्त का खाना भी सही से नसीब नहीं होता था संधर्ष भरे माहौल में मोदी जी ने बहुत छोटी उम्र में ही जीवन के कई ऊचे नीचे पड़ाव देख लिए थे बचपन से ही इनको पढाई लिखाई का बेहद शौक था।
यू तो ये पिता के साथ चाय की दुकान पर हाथ बटया करते थे लेकिन जब भी मौका मिलता था ये पुस्तकालय जाकर घंटो पढाई करते ये बचपन से ही स्वामी विवेकानंद एव उनके विचारो को अपना आदर्श मानते थे।
13 साल की आयु में नरेंद्र मोदी की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी लेकिन कुछ पारिवारिक समस्याओ के कारण 1967 में मात्र 17 साल की उम्र में ही ये छोड़ कर चले गए ये घर छोड़कर उत्तरी भारत में स्थित स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित हिन्दू आश्रम एव कोलकाता के बेलूर मठ ऐसे ही कई आश्रमों का भ्रमण करने लगे इन्ही दिनों में इन्होने जीवन को गहराई से जाना अपनी सोच को सुधारा और करीब दो साल बाद फिर से घर वापस आ गए।
इसके बाद मोदी जी RRS के सदस्य बने और पूरी मेहनत से RRS के लिए काम करने लगे इतनी व्यस्तता के बावजूद मोदी जी पढाई नहीं छोड़ा और राजनीति विज्ञानं में डिग्री प्राप्त की वो दिन रात लोगो की सेवा करते लोगो से जुड़ते और उनकी समस्या को करीब से जानने की कोशिश करते।
1975 में भारत में राजनैतिक झगड़े चल रहे थे तो उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने कई राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया और RRS संस्था को बंद करने को कहा लेकिन मोदी जी फिर भी गुप्त रूप से लगे रहे और RRS का प्रचार चलता रहा उनके इस काम से खुश होकर भाजपा में शामिल किया गया।
2001 में गुजरात में भयकर भूकंप आया जिसकी वजह से गुजरात को बहुत नुकशान झेलना पड़ा उस समय की सरकार के रहत कार्य से नाखुश होकर भाजपा वालो ने मोदी जी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया मोदी ने उस भूकंप से गुजरात को उबारने में जी तोड़ मेहनत की और वो सफल भी हुए और वो गुजरात में बेहद लोकप्रिय हो गए।
गुजरात की जनता ने भी उनको लगातार चार बार मुख्यमंत्री सुनकर भारत के सबसे बेहतर मुख्यमंत्रीओ में शामिल कर लिया।
इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में भाजपा ने मोदी को उतारा और पुरे भारत में मोदी के नाम की लहार इतनी तेजी से दौड़ रही थी की काफी लोगो ने पहले ही मोदी को प्रधानमंत्री मान लिया खासकर युवाओ ने मोदी को विशेष प्रोत्साहन दिया।
उनके ननेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटे जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें 26 जनवरी 2014 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई और आज वे भारत के 15 वे प्रधानमंत्री है और कुशलता पूर्वक भारत की सेवा कर रहे है।