मोहब्बत खुद बताती है कहा किसका ठिकाना है
किसे आखो में रखना है किसे दिल में बसाना है
एक इन्शान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका दिमाग ही होता है
पकड़ पकड़ कर लाता है ऐसे लम्हा जो सिर्फ तकलीफ देती है
धोखा देने वालो को बस इतना कहुगा आज
आ पेसि होगी ना गवाह होगा
अब जो भी हमसे उलझेगा बस तबाह होगा
बड़े अजीब दुनिया के मेले है
दिखती तो भीड़ है पर चलते सब अकेले है
दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया
सबने सोच लिया मुझे तकलीफ नहीं होती
इंशान वो नहीं जो चेहरे से दिखता है
इंशान वो है जो सोच से दिखता है
कुछ दर्मिया नहीं अगर तेरे बीच तो ये बेचैनिया क्यों है
लौट आओ के कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटता करते
तुम चाहो बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे
हम दिल में उतर आएंगे कलम के सहारे
कैद कर लो अपनी बाहो में उम्र भर के लिए
की अपना गुनाह ये मोहब्बत कबूल है मुझे
मत खोजो मेरी तहरीरों को
जो पढ़ते नहीं उनको हम लिखते भी नहीं
वो पत्ता आवारा न बनता तो क्या करता
न हवाहो ने बख्शा न आखो ने पनाह दी
बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादो में
सारी उम्र गुजर गयी मुझे मरते मरते
पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते
जब तब हम न पुकारै उधर से आवाज ही नहीं आती
तुम मेरे नहीं हो फिर भी ना जाने क्यों
दिल करता है की उन सबका मुँह तोड़ दू
जिनसे तुम बात करती हो
गुमराह करते तो हम बी आरजू होते किसी की
खता यही हुई की दिल को खोल के रख दिया
रूठने वाले ने मनाने की मोहलत ही नहीं दी
उसे पूरा यकीं था मेरे मनाने के हुनर पे
छुपी होती है लफ्जो में गहरी राज की बाते
लोग शायरी या मजाक समझ के बस मुस्कुरा देते है
जीते है हम इस आस पर एक दिन तुम जरूर जाओगे
हम मरते इसलिए भी नहीं क्युकी तुम अकेले ही रह जाओगे
मोहब्बत ओढ़ कर ही तो मै खुशनुमा हूँ
तुम ही तुम तो हो मुझसे मै कहा हूँ
देखा हज़ारो दफा
मोहब्बत मिली तो नींद भी अपनी ना रही
गुमराह सी जिंदगी थी तो कितना सुकून था
वो प्यार करती है या नहीं ये तो पता नहीं
पर मुस्कुराती बहुत प्यार से है
जहा हो जैसी हो वहा वैसी ही रहना तुम
तुम्हे पाना जरुरी नहीं तुम्हारा होना ही काफी है
कौन तुझे यू याद करेगा
दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
मै जहा जिस हाल में रहू बस तू ही तू मेरे करीब हो
गजब है मेरे दिल में तेरा वजूद
मै खुद से देर बस तू ही तू मुझमे मौजूद
मेरे चेहरे से मेरा दर्द ना पहचान पाओगे
मेरी तो आदत है हर बात पर मुस्कुरा देने की
सिलसिले मोहब्बत के
दिखती तो भीड़ है पर चलते सब अकेले है
दर्द को मुस्कुरा कर सहना क्या सीख लिया
सबने सोच लिया मुझे तकलीफ नहीं होती
इंशान वो नहीं जो चेहरे से दिखता है
इंशान वो है जो सोच से दिखता है
कुछ दर्मिया नहीं अगर तेरे बीच तो ये बेचैनिया क्यों है
लौट आओ के कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटता करते
तुम चाहो बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे
हम दिल में उतर आएंगे कलम के सहारे
कैद कर लो अपनी बाहो में उम्र भर के लिए
की अपना गुनाह ये मोहब्बत कबूल है मुझे
मत खोजो मेरी तहरीरों को
जो पढ़ते नहीं उनको हम लिखते भी नहीं
वो पत्ता आवारा न बनता तो क्या करता
न हवाहो ने बख्शा न आखो ने पनाह दी
बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादो में
सारी उम्र गुजर गयी मुझे मरते मरते
पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते
जब तब हम न पुकारै उधर से आवाज ही नहीं आती
तुम मेरे नहीं हो फिर भी ना जाने क्यों
दिल करता है की उन सबका मुँह तोड़ दू
जिनसे तुम बात करती हो
गुमराह करते तो हम बी आरजू होते किसी की
खता यही हुई की दिल को खोल के रख दिया
रूठने वाले ने मनाने की मोहलत ही नहीं दी
उसे पूरा यकीं था मेरे मनाने के हुनर पे
छुपी होती है लफ्जो में गहरी राज की बाते
लोग शायरी या मजाक समझ के बस मुस्कुरा देते है
जीते है हम इस आस पर एक दिन तुम जरूर जाओगे
हम मरते इसलिए भी नहीं क्युकी तुम अकेले ही रह जाओगे
मोहब्बत ओढ़ कर ही तो मै खुशनुमा हूँ
तुम ही तुम तो हो मुझसे मै कहा हूँ
देखा हज़ारो दफा
मोहब्बत मिली तो नींद भी अपनी ना रही
गुमराह सी जिंदगी थी तो कितना सुकून था
वो प्यार करती है या नहीं ये तो पता नहीं
पर मुस्कुराती बहुत प्यार से है
जहा हो जैसी हो वहा वैसी ही रहना तुम
तुम्हे पाना जरुरी नहीं तुम्हारा होना ही काफी है
कौन तुझे यू याद करेगा
दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो
मै जहा जिस हाल में रहू बस तू ही तू मेरे करीब हो
गजब है मेरे दिल में तेरा वजूद
मै खुद से देर बस तू ही तू मुझमे मौजूद
मेरे चेहरे से मेरा दर्द ना पहचान पाओगे
मेरी तो आदत है हर बात पर मुस्कुरा देने की
सिलसिले मोहब्बत के