Kya Tumhe Yaad Hai

हो इजाजत तो एक बात पुछू जो इश्क़ तुमसे 
हमने सीखा था वो इश्क़ अब तुम किससे करते हो

हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने की
मगर हर आँख फिर सपना सुहाना ढूढ़ लेती है

खूबसूरत रिश्ता है मेरे और खुदा के बीच
ज्यादा हम कुछ मांगते नहीं और काम वो देते नहीं

बहुत दूर है मेरे शहर से तेरा शहर
फिर भी हवा के हर झोके से हम तेरा हाल पूछते है

पता नहीं इन आखो को तलाश किसकी है
पर तुझे देख के मेरी नज़ारे थम सी जाती है

लेकर तुम भी कुछ नहीं जाओगे लेकर में भी कुछ नहीं  जाउगी
फिर नफ़रत ले के जीने से क्या मिला प्यार से रह लो दोस्तों

कोई वडा खुद से निभाओ तो सही
कभी खुद से खुद को मिलवाओ तो सही

खुल सकती है गांठे बस जरा से जतन से
पर लोग कैंचिया चलाकर सारा फ़साना बदल देते है

जिंदगी ने मेरे मर्ज का कुछ ऐसा इलाज
वक़्त को दवा कहा और ख्वाहिशो से परहेज सुनाया

जेबे भी तैयार राखी जाए सिर्फ पावो से नहीं होगा
क्योकि रास्तो से नहीं बाज़ारो से गुजरना है

नजर और कुछ नहीं उनका दीदार मांगती है
जिंदगी अपने लिए कुछ नहीं पर
उनके लिए हजार मांगती है

सोचा था घर बनाकर बैठुंगा सुकून से
पर गर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला

चीजों की कीमत मिलाने से पहले होती है
एयर इन्शानो की कीमत खोने के बाद

हो चुके अब तुम किसी के कभी मेंरी जिंदगी थे तुम
भूलना है कौन मोहब्बत पहली मेरी तो सारी ख़ुशी थे तुम


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