Dil Ne Ye Kha Hai Dil Se

तलाश उनकी नहीं जो मोहब्बत करे
तलाश उसकी है जो निकाह भी करे


रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे 
करे तो क़यामत तक जुड़ा न करे 
ये मन की कोई मरता नहीं जुदाई में 
लेकिन जी भी तो नहीं पता तन्हाई में 

दर्द गम दर जो भी है वो बस अंदर ही है खुद के 
बनाये पिजरे से निकल के देख तू खुद भी एक सिकंदर है 

बेहद हदे पार की थी हमने कभी किसी के लिए 
आज उसी ने सीखा दिया हद में रहना 

मैंने वहा जा कर सिर्फ तुम्हे ही मांगा था 
जहा लोग जाके अपनी खुशिया मांगते है 

ऐसा ही होता है प्यार एक बात करने को तड़पता है 
और दूसरा और किसी के साथ खुश होता है 

जब जानते हो की हम बात करने का बहाने ढूढते है 
तो क्यों अजनबी बन के हमारी बेचैनी बढ़ाते हो 

आज भी प्यारी है तेरी दी हुई हर एक निशानी 
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आखो का पानी 

मुस्कान के सिवा कुछ ना लाया करो चेहरे पर 
मेरा दिल मायूस हो जाता है तुम्हे मायूस देख कर 

ये और बात है की वो वादे निभा न सके 
मगर जो किये थे उसने वो वादे गजब के थे 

कोई ढूढ़ लाओ उसको वापस मेरी जिंदगी में 
जिंदगी अब सासे नहीं उसका साथ मांग रही है 

फासले तो बढ़ा रहे हो मगर ये याद रखना 
मोहब्बत बार बार यू किसी पर मेहरबान नहीं होती 

यकीन करो आज इस कदर याद आ रहे हो तुम 
जिस कदर तुमने भुला रखा है मुझे 

कहा मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए खुदा 
सिसकते हुए शब्दों में एक शख्स ही तो मांगा था 

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