लाजवबाब शायरी | www.YourCrush.online

कब उनकी पलकों से इजहार होगा 
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा 
गुजर रही है हर रात उनकी याद में 
कभी तो उनको भी हमारा इन्तजार होगा 

 किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं 
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं 
गुनाह हो यह जमाने की नजर में तो क्या 
जमाने वाले कोई खुदा तो नहीं 


सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको
किसी और का नाम लेकर जलाऊ उनको
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको होगा
अब ये बताओ किस तरह सताऊ उनको 

कितने चेहरे हैं इस दुनिया में
मगर हमको एक चेहरा ही नजर आता है
दुनिया को हम क्यो देखें
उनकी याद में सारा वक्त गुजर जाता है



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