अपनी अपनी फ़िकरो में जो भी है वो उलझा है
जिंदगी हकीकत में क्या है कौन समझा है
क़द्र तो किरदार की होती है यारो वरना
कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है
किसी को कैसे बताये जरूरते अपनी
मदद मिले न मिले आबरू तो जाती है
वो कहते है भुला देना पुरानी बातो को
कोई समझाये उन्हें के इश्क कभी पुराना नहीं होता
क्या मिला हमें तुमसे प्यार करके
एक शायरी का हुनर और रातो का जागना
बहुत सुकून मिलता है सच्चे प्यार में
पूरी दुनिया सिमट जाती है अपने यार में