Hindi Shayari

मेरी निगाह में फिर कोई दूसरा चेहरा नही आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का 

जिक्र तेरा है या कोई नशा है
जब जब होता है दिल बहक जाता है 


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