Zindagi Ek Khawab Hai

कुछ तो बात है मोहब्बत में वरना 
एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनाता 

किसी ने मुझसे पूछा चाय या मोहबत 
हमने मुस्कुरा कर कहा मोहब्बत के हाथो की चाय 

शहर के शहर बंद है हर गली में नाकाबंदी है 
तुम पता नहीं किन  रास्तो में चले आते हो ख्यालो में 

बहुत तकलीफ होती है उस वक़्त 
जब आपको समझने वाले ही आपको गलत समझने लग जाये 

यहाँ खुद से मिले जमाना हो गया 
और लोग कहते है की हमें भूल गए हो तुम 

गजब का वायरस है साहब पहले ही लोगो में
 कम दूरिया थी जो इसने आकर बढ़ा दी 

रोका तो बोले  जाने दो 
जाने दिया तो बोले यही चाहते थे ना 

क्यों ना गुगुर करू मै अपने आप पर 
मुझे उसने चाहा है जिसके चाहने वाले हजार थे 

बदल दिए है हमने नाराज होने के तरीके 
अब रूठने के बजाय बस हलके के मुस्कुरा देते है 

जहा हो जैसे भी हो खुश रहना दोस्तों 
तुम्हारा मिलना नहीं तुम्हारा होना जरुरी है 

Popular Posts