Jindagi Ka Har Lamha Tere Sath Ho | EmotionalBanda.com

प्रेम तो राधा और कृष्ण का भी अधूरा रह गया था 
हम तो फिर भी इन्सान है 
ये वादा है हमारा कभी न छोड़ेगे साथ तुम्हारा 
मेरी ख्वाहिश मेरा जज्बा 
मेरा अरमान है तू मै अधूरा हूँ तेरे बिन 
मेरी पहचान है तू 

पता नहीं कितना प्यार हो गया है तुमसे 
गुस्सा होने पर भी तुम्हारी बहुत याद आती है 

तुम बाहो में लेकर ये सारा जहां 
भूल जाने की ख्वाहिश है मेरी 

तुमसे मिलने को मन कर रहा है 
मन को समझाया तो दिल तड़प रहा है 
दिल को बहलाया तो आखे रो पडी 
उन्हें चुप कराया तो सासे बोल रही है 

किसी के अंदर जिन्दा रहने की ख्वाहिश में 
हम अपने अंदर मर जाते है

ज्यादा ख्वाहिश नहीं 
जिंदगी का हर लम्हा तेरे साथ हो 

किसी से प्रेम करने की कोई वजह नहीं होती 
प्रेम तो सिर्फ प्रेम है यदि वजह है तो वो प्रेम नहीं पसंद है 

ख्वाहिश यही है की मेरी शायरी तुम समझो 
जरुरी नहीं की लोग वह वह करे 

न किसी के आभाव में जिओ 
ना किसी के प्रभाव में जिओ जिंदगी 
आपकी है बस अपने मस्त स्वभाव में जिओ 

मुझे मालुम है की ये ख्वाब झूठे है और ख्वाहिशे अधूरी है 
मगर जिन्दा रहने के लिए कुछ  गलत फहमिया जरुरी है 

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