आजकल लोग बस दिल बहलाते है
दिल भरते ही किसी और के साथ नजर आते है
मुझे अकेले चलने में बड़ा मजा आता है
ना कोई आगे चलता है ना कोई पीछे छूटता है
ख्वाहिश इतनी की रूह में बसा लू तुझे
और मजबूर इतना की तुझे रोज देखना भी मेरे नसीब में नहीं
बात संस्कार और आदर की होती है वरना
जो सुन सकता है वो सुना भी सकता है
कुछ ज्यादा नहीं जानते हम मोहब्बत के बारे में
बस उन्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है
खेल ताश का हो या जिंदगी का
दिल भरते ही किसी और के साथ नजर आते है
मुझे अकेले चलने में बड़ा मजा आता है
ना कोई आगे चलता है ना कोई पीछे छूटता है
ख्वाहिश इतनी की रूह में बसा लू तुझे
और मजबूर इतना की तुझे रोज देखना भी मेरे नसीब में नहीं
बात संस्कार और आदर की होती है वरना
जो सुन सकता है वो सुना भी सकता है
कुछ ज्यादा नहीं जानते हम मोहब्बत के बारे में
बस उन्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है
खेल ताश का हो या जिंदगी का
अपनी काबिलियत छुपाकर रखना
उदा देती है नीदे कुछ जिम्मेदारियां घर की
रात में जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता
खेल ताश का हो या जिंदगी का अपना
इक्का तभी दिखाओ जब सामने बादशाह हो