और दिल टूट जाये तो सामने बैठी माँ को पता
नहीं चलने देती
जरा सा हाथ कट जाये तो सारा घर खिदमत के
लिए खड़ा कर लेती है आत्मा दुखो से छलनी हो जाये
तो उफ़ तक नहीं करती
अपनी पसंद का सूट न मिले तो
त्यौहार नहीं मनाती और एक
नापसंद इन्शान के साथ माँ बाप
की ख़ुशी के लिए ज़िन्दगी गुजार देती है