जो जैसा है उसके साथ वैसा बनके रहो

जो जैसा है उसके साथ वैसा बनके रहो

हर बात दिल से लगाओगे तो रोते रह जाओगे
इसलिए जो जैसा है उसके साथ वैसा बनके रहो

परवाह ही बताती है ख्याल कितना है किसी का
वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तो में
ढूढना ही है तो परवाह करने वालो को ढूढ़िये
इस्तेमाल करने वाले तो आपको खुद ढूढ़ लगे

मौन और मुस्कान दोनों का इस्तेमाल कीजिये
मौन रक्षा कबच है तो मुस्कान स्वागत द्वार

तलाश जिंदगी की थी दूर तक निकल पड़े
जिंदगी मिली नहीं तजुर्बे बहुत मिले

एक सास सबके हिस्से से हर पल घट जाती है
कोई जी लेता है जिंदगी किसी की कट जाती है

खुद का मान अगर चाहो तो औरो का भी मान रखो
कहने को अगर जीभ मिली है तो सुनने को भी कान रखो

कौन कहता है की नेचर और सिंगनेचर कभी बदलता नहीं
बस एक चोट की जरूरत है अगर ऊगली लगी तो
सिग्नेचर बदल जाता है और दिल पर लगी तो नेचर बदल जाता है 

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