भारतीय नोटों पर गाँधी जी की तस्वीर कब से छपनी शुरू हुई थी

भारतीय नोटों पर गाँधी जी की तस्वीर
कब से छपनी शुरू हुई थी ?
भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI है इसे एक रुपये के नोट को छोड़कर सभी मूल्य वर्ग के नोट छापने का अधिकार है RBI को आरबीआई अधिनियम 1934 के तहत यह अधिकार दिया गया है जबकि इसी अधिनियम का सेक्शन 24(1) इसे एक रुपए के नोट को छापने का अधिकार नहीं देता है।
मुद्रा अध्यादेश 1940 के नियमानुसार एक रूपये का नोट भारत सरकार द्वारा जबकि दो रूपये से लेकर 2000 रूपये तक की करेंसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी या छापी की जाती है ध्यान रहे की रिजर्व बैंक 10 हज़ार रूपये तक का नोट छाप सकता है।
भारत में एक रूपये के नोट को वित्त मत्रालय छापता है और उस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते है ना की RBI गवर्नर के।

क्या आप जानते है की भारत के आजाद होने के बाद भी दो साल तक ब्रिटेन के राजा जार्ज पंचम की तस्वीरें वाली मुद्रा ही भारत में चलन में रही थी इस समय रुपए की गणना 16 आनो में होती थी लेकिन 1957 के बाद इस प्रणाली को बदल कर दशमलव प्रणाली लाइ गयी और रूपये 100 पैसो में बदल गया सन 1949 में इसमें राजा की तस्वीरे को बदल दिया गया और नोटों पर अशोक स्तम्भ छापा गया।

आइये जानते है की नोटों पर गांधी जी की तस्वीर कब से छपनी शुरू हुयी थी।/
एक RTI के जबाव में केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया की नोट के दाहिनी तरफ गांधी जी की तस्वीर को छापने की सिफारिश 13 जुलाई 1995 को RBI ने केंद्र सरकार से की थी इसके बाद RBI ने 1996 में नोटों में बदलाव का फैसला लिया और अशोक स्तम्भ की जगह राष्ट्पिता हमात्मा गांधी के फोटो का इस्तेमाल किया जाने लगा ध्यान रहे की करेंसी नोटों से अशोक स्तम्भ को हटाया नहीं गया बल्कि नोटों के बायीं तरफ निचले हिस्से पर अंकित कर दिया गया है।

हालांकि इस RTI के जबाव में RBI ने ये भी बताया था की सरकार ने नोटों पर ये तस्वीर छापने का फैसला कब लिया और इसे कब से लागू किया गया अर्थात किस तारीख से महात्मा गांधी की फोटो भारतीय नोटों पर छापने का काम शुरू हुआ इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
नोटों पर लगी गांधी जी की तस्वीर किस जगह की है
यहाँ पर यह बताना जरुरी है की नोटों पर लगी तस्वीर कंप्यूटर से बनायीं गयी तस्वीर नहीं है बल्कि यह गांधी जी की ओरिजनल तस्वीर है यह तस्वीर कलकत्ता के वायसराय हाउस में खींची गयी थी सन 1946 के आस पास गांधी जी तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में तैनात फ्रेडरिक पेथिक लारेंस के साथ मुलाकात करने गए थे

यह तस्वीर इसी समय खींची गयी थी इसी तस्वीर से गांधी जी का चेहरा पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया  गया है अब यह भारतीय करेंसी का ट्रेडमार्क भी है।

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