अक्सर यू रुला जाती है उसकी यादे
मन करता है थोड़ी देर और रो ले
रोज तो वो मरते है जो खुद से ज्यादा किसी और को चाहते है
जिंदगी सुन तू यही पे रुकना
हम हालात बदल के आते है
दोस्तों किसी के दिल में रहना सीखो
क्योकि दिमाग में तो सिर्फ दुशमन रहते है
भूल नहीं सकते हम वो दिल जब तुमने
हमसे पहली बार बात की थी
कल भी थे आज भी है
और हमेशा रहेंगे आपके बिना अधूरे हम
जिंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ चाँद
तेरा ही हम शक्ल है वो जो मुझे सोने नहीं देता
होने लगा है हिसाब नफे और नुकसान का
मासूम सी मोहब्बत व्यापार हो गयी
बात सजदों की नहीं नीयत की है मयखाने में हर कोई शराबी
और मस्जिद में हर कोई नमाजी नहीं होता
अजीब सा तमाशा चल रहा है इस दुनिया में सब नाच
रहे है कुछ अपनी मर्जी से कुछ किस्मत की मर्जी से
कल तक तेरी चाहत मेरी जरुरत थी
पता भी का कब चला कब इबादत बन गयी
बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के
जिसने खामोशियो के सहारा लेकर दूरियों को अंजाम दिया
गहरी बाते समझने के लिए गहरा होना जरुरी है
और गहरा वही हो सकता है जिसने गहरी चोटे खायी है
कुछ जख्म इन्शान के कभी नहीं भरते
बस इन्शान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है
ऐ जिंदगी तेरे जज्बे को सलाम
पता है की मंजिल मौत है फिर भी दौड़ रही है
जिसे पा नहीं सकते
उसे सोचकर ही खुस होना इश्क़ है
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले
वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे
दोस्तों किसी के दिल में रहना सीखो
क्योकि दिमाग में तो सिर्फ दुशमन रहते है
भूल नहीं सकते हम वो दिल जब तुमने
हमसे पहली बार बात की थी
कल भी थे आज भी है
और हमेशा रहेंगे आपके बिना अधूरे हम
जिंदगी से यही गिला है मुझे
तू बहुत देर से मिला है मुझे
मत पूछ मेरे जागने की वजह ऐ चाँद
तेरा ही हम शक्ल है वो जो मुझे सोने नहीं देता
होने लगा है हिसाब नफे और नुकसान का
मासूम सी मोहब्बत व्यापार हो गयी
बात सजदों की नहीं नीयत की है मयखाने में हर कोई शराबी
और मस्जिद में हर कोई नमाजी नहीं होता
अजीब सा तमाशा चल रहा है इस दुनिया में सब नाच
रहे है कुछ अपनी मर्जी से कुछ किस्मत की मर्जी से
कल तक तेरी चाहत मेरी जरुरत थी
पता भी का कब चला कब इबादत बन गयी
बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के
जिसने खामोशियो के सहारा लेकर दूरियों को अंजाम दिया
गहरी बाते समझने के लिए गहरा होना जरुरी है
और गहरा वही हो सकता है जिसने गहरी चोटे खायी है
कुछ जख्म इन्शान के कभी नहीं भरते
बस इन्शान उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है
ऐ जिंदगी तेरे जज्बे को सलाम
पता है की मंजिल मौत है फिर भी दौड़ रही है
जिसे पा नहीं सकते
उसे सोचकर ही खुस होना इश्क़ है
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले
वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे