आप नहीं जानते होंगे पढाई करने के ये पांच बेहद प्रभावशाली तरीके
कई बार ऐसा होता है की हम पढाई बहुत ज्यादा करते है परन्तु जब परिणाम आता है तो हम चौक जाते है की ऐसा कैसे हो गया इसके बाद हम तरह तरह की बाटे करना शुरू करते है की मेरी तो किस्मत ही ख़राब है Examinor ने मेरे साथ नाइंसाफी की है मेरी कॉपी अच्छे से चेक नहीं की गयी है इत्यादि दरअसल बात ये होती है की अपने जो तयारी करी थी उसको उसी से कॉपी में लिखा है या नहीं।
कामियाब लोग कुछ अलग नहीं करते बल्कि उसी चीज को अलग तरीके से करते है।
आइये इस लेख में आज देखते है की पढाई करने के तरीके में विज्ञानं की क्या रॉय है क्योकि हम में से कई ज्यादातर पढाई लम्बे नहीं लेकिन स्मार्ट तरीके से करना चाहते है तो आइये इस बार जानते है पढाई करने के वैज्ञानिक तरीके एक बार इन तरीको को भी आजमा कर देखिये जरूर शायद इस बार आप वही रिजल्ट मिले जिसके आप हक़दार है।
1 - बहुत देर तक ना पढ़े
सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की काफी लम्बे समय तक पढाई करने की बजाय आप थोड़े वक़्त तक ही पढ़े क्योकि कई अध्ययनों में थोड़े वक़्त की या टुकड़ो में की गयी पढाई ज्यादा फायदेमंद साबित हुयी है आप अपनी पढाई करने के समय को छोटे छोटे हिस्सों में बाट दे कभी भी बहुत ही लम्बे समय तक ज्यादा पढाई मत करे मतलब की आपके किसी विषय या यूनिट के लिए 10 घंटे रट्टा मारने से तो अच्छा है की आप कुछ हफ्तों तक उसे एक घंटा ही पढ़े ऐसा इसलिए क्योकि हमारा दिमाग छोटे छोटे हिस्सों में की गयी पढाई को एक बड़े हिस्से में की गयी पढाई की तुलना में ज्यादा याद रहता है।
2 - कब पढ़ना है ये आप तय करे
कई बार ऐसा होता है की आप रात में ज्यादा एकाग्र होकर पढ़ पते है परन्तु आपके माता पिता आपको रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने को कहते है इसका नतीजा ये होता है की आप उनके हिसाब से चलते है और नतीजा उतना अच्छा नहीं होता है जितना चाहिए होता है अगर आप अपने हिसाब से टाइम टेबल सेट करते है तो उसको फॉलो करने में जिम्मेदारी भी आपकी ही होती है और हम जानते है की जिम्मेदारी का एहसास होने के बाद आदमी ज्यादा सीरियस हो जाता है।
3 -समय का सही अनुपात में प्रयोग करे
ज्यादा तर लोग अपने कई घंटे एक ही विषय को बार बार पढ़ने में अपने पाठ्य पुस्तक को highlight करने में खर्च कर देते है एक अध्ययन से यह पता चला की यह चीजे पढाई के लिए एकदम बेअसर है इससे topic को समझने में किसी भी तरह का improvement नहीं होता है यह तरीका आपका ध्यान कम important topic की ओर ज्यादा ले जाता है।
Einsrein ने कहा था - "If you can't explain it simply, then you don't understand it well enough."
मतलब की अगर आप किसी चीज को आसानी से समझा नहीं सकते तो आप उसे अभी अच्छी तरह से समझे नहीं है
4 -ऐसे पढ़ो की किसी को पढ़ा सको
एक अध्ययन के दौरान students के दो groups किये गए दोनों groups को एक ही topic दिया गया लेकिन एक group के students को कहा गया की आपको इस विषय का test देना है और दूसरे groups के students को बताया गया की आपको इस विषय को दूसरे ग्रुप के students को समझाना है दोनों में से जिस ग्रुप के स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए बोला गया था उनकी उस विषय में तैयारी और understanding काफी अच्छी थी क्योकि जब आप किसी को पढ़ाने की उम्मीद रख के तैयारी कर रहे हो तब आपका दिमाग जानकारी का आयोजन एक अधिक logical और well manner तरीके में करता है।
5 - जितना हो सके प्रैक्टिस करे
कई बार ऐसा होता है की हमारी तैयारी पूरी होती है परन्तु हम अच्छे नंबर नहीं पाते इसका साधारण का कारण होता है और वो है प्रैक्टिस किये पेपर देने जाना सबसे जरुरी है प्रैक्टिस प्रैक्टिस लेकिन कई बार पढाई में गलती करना भी फायदेमंद है मतलब की गलतिया हमें ज्यादा याद रहती है इसके अलावा किसी भी विषय के 100 या 50 गुना के टेस्ट लिखना भी ज्यादा फायदेमंद है।
कई बार ऐसा होता है की हम पढाई बहुत ज्यादा करते है परन्तु जब परिणाम आता है तो हम चौक जाते है की ऐसा कैसे हो गया इसके बाद हम तरह तरह की बाटे करना शुरू करते है की मेरी तो किस्मत ही ख़राब है Examinor ने मेरे साथ नाइंसाफी की है मेरी कॉपी अच्छे से चेक नहीं की गयी है इत्यादि दरअसल बात ये होती है की अपने जो तयारी करी थी उसको उसी से कॉपी में लिखा है या नहीं।
कामियाब लोग कुछ अलग नहीं करते बल्कि उसी चीज को अलग तरीके से करते है।
आइये इस लेख में आज देखते है की पढाई करने के तरीके में विज्ञानं की क्या रॉय है क्योकि हम में से कई ज्यादातर पढाई लम्बे नहीं लेकिन स्मार्ट तरीके से करना चाहते है तो आइये इस बार जानते है पढाई करने के वैज्ञानिक तरीके एक बार इन तरीको को भी आजमा कर देखिये जरूर शायद इस बार आप वही रिजल्ट मिले जिसके आप हक़दार है।
1 - बहुत देर तक ना पढ़े
सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की काफी लम्बे समय तक पढाई करने की बजाय आप थोड़े वक़्त तक ही पढ़े क्योकि कई अध्ययनों में थोड़े वक़्त की या टुकड़ो में की गयी पढाई ज्यादा फायदेमंद साबित हुयी है आप अपनी पढाई करने के समय को छोटे छोटे हिस्सों में बाट दे कभी भी बहुत ही लम्बे समय तक ज्यादा पढाई मत करे मतलब की आपके किसी विषय या यूनिट के लिए 10 घंटे रट्टा मारने से तो अच्छा है की आप कुछ हफ्तों तक उसे एक घंटा ही पढ़े ऐसा इसलिए क्योकि हमारा दिमाग छोटे छोटे हिस्सों में की गयी पढाई को एक बड़े हिस्से में की गयी पढाई की तुलना में ज्यादा याद रहता है।
2 - कब पढ़ना है ये आप तय करे
कई बार ऐसा होता है की आप रात में ज्यादा एकाग्र होकर पढ़ पते है परन्तु आपके माता पिता आपको रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने को कहते है इसका नतीजा ये होता है की आप उनके हिसाब से चलते है और नतीजा उतना अच्छा नहीं होता है जितना चाहिए होता है अगर आप अपने हिसाब से टाइम टेबल सेट करते है तो उसको फॉलो करने में जिम्मेदारी भी आपकी ही होती है और हम जानते है की जिम्मेदारी का एहसास होने के बाद आदमी ज्यादा सीरियस हो जाता है।
3 -समय का सही अनुपात में प्रयोग करे
ज्यादा तर लोग अपने कई घंटे एक ही विषय को बार बार पढ़ने में अपने पाठ्य पुस्तक को highlight करने में खर्च कर देते है एक अध्ययन से यह पता चला की यह चीजे पढाई के लिए एकदम बेअसर है इससे topic को समझने में किसी भी तरह का improvement नहीं होता है यह तरीका आपका ध्यान कम important topic की ओर ज्यादा ले जाता है।
Einsrein ने कहा था - "If you can't explain it simply, then you don't understand it well enough."
मतलब की अगर आप किसी चीज को आसानी से समझा नहीं सकते तो आप उसे अभी अच्छी तरह से समझे नहीं है
4 -ऐसे पढ़ो की किसी को पढ़ा सको
एक अध्ययन के दौरान students के दो groups किये गए दोनों groups को एक ही topic दिया गया लेकिन एक group के students को कहा गया की आपको इस विषय का test देना है और दूसरे groups के students को बताया गया की आपको इस विषय को दूसरे ग्रुप के students को समझाना है दोनों में से जिस ग्रुप के स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए बोला गया था उनकी उस विषय में तैयारी और understanding काफी अच्छी थी क्योकि जब आप किसी को पढ़ाने की उम्मीद रख के तैयारी कर रहे हो तब आपका दिमाग जानकारी का आयोजन एक अधिक logical और well manner तरीके में करता है।
5 - जितना हो सके प्रैक्टिस करे
कई बार ऐसा होता है की हमारी तैयारी पूरी होती है परन्तु हम अच्छे नंबर नहीं पाते इसका साधारण का कारण होता है और वो है प्रैक्टिस किये पेपर देने जाना सबसे जरुरी है प्रैक्टिस प्रैक्टिस लेकिन कई बार पढाई में गलती करना भी फायदेमंद है मतलब की गलतिया हमें ज्यादा याद रहती है इसके अलावा किसी भी विषय के 100 या 50 गुना के टेस्ट लिखना भी ज्यादा फायदेमंद है।