Love Shayari

राज खोल देते है नाजुक से इशारे अक्सर 
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है 
यही बहुत है की तुमने पलट के देख लिया 
ये लुफ्त भी मेरी उम्मीद से कुछ ज्यादा है 

सभाले नहीं सभलता है दिल मोहब्बत की तपिश से न जला 
इश्क़ तलबगार है तेरा चला आ अब जमाने का बहाना न बना 

मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी कैद है यारो 
की उम्रे बीत जाती है सजा पुती नहीं होती 

टपकती है निगाहो से बरसती है अदाओ से 
मोहब्बत कौन कहता है की पहचानी नहीं जाती 

रूबरू मिलाने का मौका मिलता नहीं रोज 
इसलिए लफ्जो से तुमको छू लिया मैंने 

जन्नत ए इश्क़ में हर बात अजीब होती है 
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है 

हर रिश्ता मिला विरासत में 
फिर मोहब्बत क्यों अलग से बनायीं है 

सिर्फ बेचैनिया लिखी जाती है दिल की 
लफ्जो से पूरी कहा होती है कमी सनम तेरी 

थोड़ा मै थोड़ी तुम और थोड़ी सी मोहब्बत
बस इतना काफी है जीने के लिए 

एक ये कोशिश की वो देख ना ले दिल के जख्म 
ये भी ख्वाहिश की काश वो देखे की कैसे बिखरे है हम 

वक्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता 
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता  

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