Love By Chance

मुझ को मुझ में जगह नहीं मिलती 
तू है मौजूद इस कदर मुझ में 

पलको की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा 
एक आशू मेरे सबर की तौहीन कर गया 

हाथ थामे रखना दुनिया में भीड़ भारी है 
खो ना जाओ कही मई ये जिम्मेदारी है 

आओ मिलकर गाला धोटे 
मै मोहब्बत पकड़ कर लाया हूँ 

मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ नहीं 
मैंने हर इश्क को इन्तजार करते देखा है 

सब जज्बातो का खेल है बस कोई पास होकर भी 
अपना नहीं होता कोई दूर होकर भी रूह में उतर जाता है 

जुड़ा तो एक दिन सासे भी हो जाती है 
तो फ़िर शिकायत सिर्फ मोहब्बत से करो 

अच्छा सुनो ना जरुरी नहीं हर बार शब्द ही हो 
कभी ऐसा भी हो की आशू तुम समझ लो 

अब इस से बढ़कर गुनाह ए आशिकी क्या होगी 
जब रिहाई का वक्त आया तो पिजरे से मोहब्बत हो चुकी थी 

सादगी इतनी भी नहीं है अब बाकी मुझमे 
की तू वक्त गुजरे और मै मोहब्बत समझू 

कब आ रहे हो मुलाकात के लिए 
मैंने चाँद रोका है एक रात के लिए 

बस यही सोचकर तुझ से मोहब्बत करता हूँ 
मेरा तो कोई नहीं मगर  कोई हो 

उसने एक बार भी नहीं सोचा 
मै यही सोचता रहा बरसो 

आप के पास जमाना नहीं रहने देगा 
आप से दूर मोहब्बत नहीं रहने देगा 

इश्क का तो पता नहीं पर जो तुमसे 
है वह किसी और से नहीं 

गुरुर किस बात का साहब 
आज मिटटी के ऊपर तो कल मिटटी के नीचे 

एक धागे की बात रखने को 
माँ का रोम रोम जलता है 



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