न जाने खूबसूरत जिंदगी को किसकी नजर लग गयी
जो लोग रोज बात करते थे वो आज याद भी नहीं करते
किसी ने सच कहा है मोहब्बत की हवा
और अस्पताल की दवा जिंदगी बदल देती है
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो तो
इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है दिल न
चाह कर भी खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है कोई
कुछ न कहकर भी सब कुछ बोल जाता है
इस दिल को किसी की आस रहती है
निगाहो को किसी सूरत की प्यास रहती है
तेरे बिना किसी चीज की कमी तो नहीं
पर तेरे बगैर जिंदगी बड़ी उदास रहती है
किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाये
काश तुझे पर ऐतबार हो जाये
तेरी पलकों झुके इकरार हो जाये
काश तुझे भी मुझसे प्यार हो जाये
अब कैसे कहे की अपना बना लो मुझको
अपनी बाहो की कैद में समां लो मुझको
एक पल भी बिन तुम्हारे काटना है मुश्किल
अब तो मुझसे ही चुरा लो मुझको
भवर के निकलकर किनारा मिला है
जीने को फिर एक सहारा मिला है
बहुत कशमश में थी ये जिंदगी मेरी
उस जिंदगी में अब साथ तुम्हारा मिला है
दिल ही दिल में तुम्हे प्यार करते है
चुप चाप मोहब्बत का इजहार करते है
ते जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं
पर पाने की कोशिश बार बार करते है
जिंदगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार का हौसला है मुझे
नफरते लाख मिली पर मोहब्बत न मिली
जिंदगी बीत गयी मगर राहत न मिली
तेरी महफ़िल में हर एक को हसता देखा
एक मै था जिसे हसने की इजाजत न मिली
नज़रे से क्यों जलाते हो आग चाहत की
जलाकर क्यों बुझाते हो आग चाहत की
सर्द रातो में भी पतन का एहसास रहे
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहा की
रह न पाओगे भुला कर देख लो
यकी न आये तो आजमा कर देख लो
हर जगह महसूस होगी मेरी कमी
अपनी महफ़िल को कितना सजा कर देख लो
तेरे शहर में आ कर बेनाम से हो गए
तेरी चाहत में अपनी मुस्कान ही खो गए
जो डूबे तेरी मोहब्बत में तो ऐसे डूबे
की जैसे तेरी आशिकी के गुलाम ही हो गए
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीं
किसी को दिल में बसना कोई खता तो नहीं
गुनाह हो यह जमाने की नजर में तो क्या
जमाने वाले कोई खुदा तो नहीं
तू मुझमे पहले भी थी तू मुझमे अब भी है
पहले मेरे लफ्जो में था अब मेरी खामोशिया में है
दिल का हाल बताना नहीं आता किसी को ऐसे तड़पाना नहीं आता
सुनना चाहते है आपकी आवाज मगर बात करने का बहाना
तेरी मोहब्बत से मुझे इंकार नहीं
कौन कहता है जान मुझे तुझसे प्यार नहीं
तुझसे वादा है साथ निभाने का
पर मुझे अपनी सासो पर ऐतबार नहीं
मोहब्बत की गवाही अपने होने की खबर ले जा
जिधर वो खबर रहता है मुझे ऐ दिल उधर ले जा