Dard E Dil Shayari

बिखरा वजूद टूटे ख़्वाब सुलगते तन्हाईया 
कितने हसींन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत 

कभी कभी मुकम्मल होने की ख्बाहिश में 
पहले से भी ज्यादा अधूरे हो जाते है 

किसी का क़त्ल करने पर सजा ऐ मौत है 
लेकिन सजा क्या हो अगर कोई किसी का दिल तोड़ दे 


दो शब्द तेरे होठो से चुराए दो तेरी आखो से 
और लिख दी एक मुकम्मल किताब इश्क़ पर 

इश्क़ हुआ तो तब मालुम हुआ 
ज्यादा नजदीकियां ही फासले बढ़ाती है 


जैसे रात के बाद सबेरा होता है 
वैसे तेरा साथ भी मिलना चाहिए 

कभी किसी को दुःख मत देना क्योकि दी हुयी 
चीज एक दिन हज़ार गुना होकर वापिस आती है 


रिश्तो पर रूपया की किश्ते जोड़ देते है 
खाली हो जेब तो लोग हर रिश्ते तोड़ देते है 

जिन्हे पता है की अकेलापन क्या होता है 
वो लोग हमेशा दुसरो के लिए हाज़िर रहते है 

आधी जिंदगी गुजार दी पढ़ते पढ़ते 
और सीखा क्या एक दूसरे को नीचा दिखाना 


आपके बारे में गलत बोलने वाले लोग आपसे अनजान है 
क्योकि कुत्ते हमेशा अनजान लोगो पर ही भौकते है 

अच्छे दोस्त उन सितारों की तरह होते है 
जो भले ही रौशनी में दिखाई न देते हो पर हमेशा साथ रहते है 

कभी तुम नाराज हुए तो हम झुक जायेगे 
कभी हम नाराज हो तो आप गले लगा लेना 


गजब की धूप है शहर में 
दिल किसी का भी पिघलते नहीं देखा मैंने 

इश्क़ तो साहब यू ही मुफ्त में बदनाम है 
हुस्न खुद बेताब रहता है जलवा दिखाने के लिए 

चुराकर दिल मेरा वो बेखबर से बैठे है मिलाते नहीं नजर 
हमसे अब शर्मा कर बैठे है देख कर हमको छुपा 
लेते है मुँह आँचल में अपना अब घबरा रहे है की वो क्या कर बैठे है 

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