तुझे याद है ना कितने प्यार से घंटो
तुझे अपनी गोद में सुलाया करता था
वो तेरे बाल जो तेरे चेहरे पे आकर तंग करते थे तुझे
अपनी उगलियो से तेरे कानो के पीछे करता था
मैंने यूही बोल दिया उसे
कि तीखी मिर्ची हो तुम
वो होठो से होठ लगाकर बोली
और अब......
कितना प्यारा था ना वो तेरा जूठ
जो तू मेरे हाथ डाल कर बोला करती थी
कि जिंदगी भले ही छूटे पर ये हाथ ना छूटेगा कभी
प्यार का इजहार करुँगी
तो लफ्ज लड़खड़ा जायेगे
तुम सीने से लगा कर
यूँ ही कबूल कर लो
सुबह जिन परेशानिओ को
तकिये तले छुपा देता हूँ
रात को वो ही परेशानिया
मेरी नींद उड़ा देती है
उसको भुलाने के लिए सिगरेट जलाई थी मैंने
कम्भखूट धुएं ने भी उसकी तस्वीरें बना डाली
तुमने कमिया तो निकाल दी मुझमे
खुद को मुझे से निकाल पाओ तो मानू
हमने हाथ उन फैला कर
इश्क मांगा था और उसने
हाथ चूमकर जान ही निकाल दी
तो इजहार ऐ मोहब्बत हुआ नहीं अभी तलक
मगर उसका मुझे देख
दातो से होठ दबाना सब बया करता है
है इक ये भी जरिया तुझे भूल जाने का
की कोई जरिया ही नहीं बचा
तेरे लौट आने का