Pyaar ek ehsaas hai

एक सांस भी पूरी नहीं होती 
तेरे ख्यालो के बिना 
तुमने ये कैसे सोचा की 
हम जिंदगी गुजार देंगे तेरे बिना 


होठो से  प्यार के फ़साने नहीं आते 
साहिल पे समदर के मोती नहीं आते 
ले लो अभी जिंदगी में दोस्ती का मजा 
फिर लौट के हम जैसे दीवाने नहीं आते 

इससे ज्यादा तुम्हे और कितना करीब लाऊ मै 
तुम्हे दिल में रख कर भी तुम्हे देखे बिना 
मेरा दिल नहीं भरता 

होठ तो मेरे है 
पर मुस्कान तुम्हरी क्यों है 
लब्ज तो मेरे है 
फिर उन पर बाते तुम्हारी है 


फूल उसे देना जो बहार जानता हो 
दर्द उसे देना जो करार जानता हो 
टाइम उसे देना जो इन्तजार जानता हो 
और दिल उसे देना जो प्यार जानता हो 


दिलो से खेलना मुझे भी आता है दोस्त लेकिन 
जिस खेल में खिलौना टूट जाये 
मुझे वो खेल पसंद नहीं 

संगमरमर की तारीफ़ न कर मुझसे 
तु कहे तो आशुओ से मोहब्बत लिख दू 
चूमने के लिए झुक जाएगा ताजमहल भी 
जिस जमी पर तेरा नाम लिख दू 

जब तू पीछे से मेरी आखो पे हाथ रख के 
बोला करती थी बताओ कौन 
तुझे याद है ना 
मै तुझे तेरी खुश्बू से ही पहचान लिया करता था 

पल कितने भी गुजार लू बाहो में तेरी 
फिर भी मेरी हर सास कहती है 
की दिल अभी भरा नहीं 

वो सुर्ख होठ और उस पे वो जालिम अंगड़ाई 
अब तू ही बता 
दिल तुझ पर मरता ना तो क्या करता 

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