एक नदिया है मजबूरी की उस पार हो तुम इस पार है हम,
अब पार उतरना है मुश्किल मुझे बेकल बेबस रहने दो
तेरे सुर्ख लबो के रंग फिर मुझे बिखरे ख्याब सजोने दो
मैं हूँ प्यार का मारा बेचारा मुझे बेकस बेखुद रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना था
झिझक भी थी एक अदा भी थी
सब गुजर गया एक मौसम सा
अब याद का पतझड़ रहने दो
जानता था की धोखा देगी एक दिन पर चुप रहा क्युकी
उसके धोखे में जी सकता हूँ पर उसके बिना नहीं
टुटा हो दिल तो दुःख होता है करके मोहब्बत किसी से दिल रोता है
दर्द का एहसास तो तब हो और उसके दिल में कोई और होता है
कल का दिन किसने देखा है आज का दिन भी खोये क्यों
जिस धड़िया सकते है उस धड़ियो में रोये क्यों
हम सफर खूबसूरत नहीं
सच्चा होना चाहिए
मुझे किसी से शिकवा नहीं
गलती मेरी ही थी जो मैंने इतना भरोसा किया
इस दुनिया में हर वो इन्शान अकेला है
जिसने किसी से दिल से सच्ची मोहब्बत की है
एक बात याद रखना प्यार जितना
हसायेगा उस से ज्यादा आपको रुलाएगा
बहुत गुस्सा आता है जब हम किसी से बहुत प्यार करे
और वो हमारे प्यार भरे मैसेज का बेरुखी से रिप्लाई करे
किसी के साथ की जरुरत नहीं अब मुझे
दिल इस कदर टुटा है मेरा तन्हाई अच्छी लगने लगी है
कोई तो कर ही रहा है मेरी कमी पूरी
इसीलिए तो उसे अब मेरी याद नहीं आती
मोहब्बत नज़रे मिलते ही हो जाती ही
और उसको भूलने में सालो लग जाते है
सच्ची मोहब्बत मिलना भी तक़दीर होती है
बहुत कम लोगो के हाथो में ये लकीर होती है
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके
ख्यालो में किसी और को हम ला न सके
उसको देखकर आंसू तो पोछ लिए
लेकिन किसी और को देखकर हम मुस्कुरा न सके
जब काल पर तुम धीरे से मुस्कुराती हो न
सच कहु इतनी प्यारी हसी मैंने जिंदगी में आज तक नहीं सुनी
अकेला छोड़ दो मुझे या फिर मेरे हो जाओ
यू मुझे पसंद नहीं कभी पाना कभी खोना